Monday, 25 January 2016

 Boarding Passes and cinema tickets Pose Serious Security Risks for Frequent Fliers



###Boarding Passes and cinema tickets Pose Serious Security Risks for Frequent Fliers...????

When was the last time you took a flight to someplace and back and then carelessly threw your boarding pass into the bin without even thinking twice? Well if you regularly follow this habit, then you will be concerned to know that every boarding pass contains a barcode that holds a lot of personal information about you and your trip. So if a hacker gets his hands on that boarding pass somehow, he can easily use that information to gain your personal details and subsequently misuse them.



###What is a barcoded boarding pass?

A Bar-Coded Boarding Pass (BCBP) is the standard for printing and scanning customer boarding passes, and it is commonly used by more than 200 airline operators around the world. The 2-D barcode can be printed on paper or can be sent to a smartphone, which is then scanned by the airport authorities to validate customers before they board a flight. Since 2010, all boarding passes have been required to be barcoded by law.

So what information does a barcoded boarding pass contain?

According to security researchers around the world, the barcode on a boarding pass definitely contains all the information that is handwritten on the pass itself. In addition to that, it also contains the customer’s frequent flier number and the record key for the flight that the customer took.

###How can this information be hacked or misused?

While taken in isolation, this information cannot pose much danger to an individual. But if an experience hacker or malicious person gets his hands on this data, he can easily use it to hack into the account of the flier and then subsequently gain access into other personal accounts as well. A well-versed hacker just needs one entry point and can then cause maximum damage in a chain reaction. Through the details on the barcode, the attackers ultimately can get access to the fliers:

1)Name
2)Phone number
3)Email address
4)Frequent flier number
5)Information about all future flights from that account
6)Linked access to email accounts
7)Linked access to card details or financial accounts

Ability to perform social engineering with the information available
So while the information that can be gained from a boarding pass and barcode is not that dangerous at first glance, it can be misused by an experienced hacker and malicious party to cause further damage and get access to other accounts. So the best way to dispose the boarding pass after flying is to either shred it, burn it or at least tear the barcode section into small pieces so that they cannot be pasted together.

###Some other common tips for travelers and frequent fliers are as below:

When your smartphone is on a roaming network, data usage can increase drastically. So keep your roaming data off and only use apps and services on Wi-Fi.
If you are connecting to a free Wi-Fi network, don’t make any financial transactions or login to personal accounts. Use the network only for browsing.
Additionally, you can also use the VPN feature of your phone to encrypt the data on it while connected to such networks.
Make sure your phone has a screen lock enabled, in case someone else gets their hands on it.
Enable anti-theft features in case you lose your phone while traveling. You can use Google features, your phone’s in-built features or the features of security software for this purpose.
Use cloud storage services to save your pictures and memories in case you lose your phone without notice.
Keep email alerts and SMS notifications switched on for your credit/debit cards.
Lastly, inform your bank that you are traveling so that they can also keep an eye on your account information and notify you in case of any discrepancies.


Thanks..

Friday, 15 January 2016

भारतीय शिक्षा के इतिहास की प्रमुख घटनाएँ संपादित करें

भारतीय शिक्षा के इतिहास की प्रमुख घटनाएँ संपादित करें

१७८० : ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा 'कोलकाता मदरसा' स्थापित
१७९१ : ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा बनारस में 'संस्कृत कालेज' की स्थापना
१८१३ : एक आज्ञापत्र के द्वारा शिक्षा में धन व्यय करने का निश्चय किया गया।
१८३५ : मैकाले का घोषणापत्र
१८५४ : वुड का घोषणापत्र
१८५७ : कलकत्ता, बंबई और मद्रास में विश्वविद्यालय स्थापित हुए।
१८७० : बाल गंगाधर तिलक और उनके सहयोगियों द्वारा पूना में फर्ग्यूसन कालेज की स्थापना
१८८२ : हण्टर आयोग
१८८६ : आर्यसमाज द्वारा लाहौर में दयानन्द ऐंग्लो वैदिक कालेज की स्थापना
१८९३ : काशी नागरीप्रचारिणी सभा की स्थापना।
१८९८ : काशी में श्रीमती एनी बेसेंट द्वारा 'सेंट्रल हिंदू कालेज' स्थापित
१९०१ : लार्ड कर्ज़न ने शिमला में एक गुप्त शिक्षा सम्मेलन किया जिसमें 152 प्रस्ताव स्वीकृत हुए थे।
१९०२ : भारतीय विश्वविद्यालय आयोग की नियुक्ति (लॉर्ड कर्जन द्वारा)
स्वामी श्रद्धानन्द द्वारा हरिद्वार के पास कांगड़ी में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की स्थापना।
१९०४ : भारतीय विश्वविद्यालय कानून बना।
१९०५ : स्वदेशी आंदोलन के समय कलकत्ते में जातीय शिक्षा परिषद की स्थापना हुई और नैशनल कालेज स्थापित हुआ जिसके प्रथम प्राचार्य अरविंद घोष थे। बंगाल टेकनिकल इन्स्टिट्यूट की स्थापना भी हुई।
१९११ : गोपाल कृष्ण गोखले ने प्राथमिक शिक्षा को नि:::शुल्क और अनिवार्य करने का प्रयास किया।
१९१६ : मदन मोहन मालवीय द्वारा काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना
१९३७-३८ : गांधीवादी विचारों पर आधारित बुनियादी शिक्षा योजना लागू।
१९४५ : सार्जेण्ट योजना लागू।
१९४८-४९ : विश्‍वविद्यालय शिक्षा आयोग का गठन
१९५१ : खड़गपुर में प्रथम आईआईटी की स्थापना
१९५२-५३ : माध्यमिक शिक्षा आयोग का गठन
१९५६ : विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग की स्‍थापना
१९५८ : दूसरा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मुम्बई में स्थापित
१९५९ : कानपुर एवं चेन्नई में क्रमश::: तीसरा एवं चौथा आईआईटी स्थापित।
१९६१ : एनसीईआरटी की स्‍थापना
प्रथम दो भारतीय प्रबन्धन संस्थान अहमदाबाद एवं कोलकाता में स्थापित किए गए।
१९६३ : पाँचवां आईआईटी दिल्ली में स्थापित किया गया।
तीसरा I.I.M. बंगलौर में स्थापित।
१९६४-६६ : कोठारी शिक्षा आयोग की स्‍थापना, रिपोर्ट प्रस्‍तुत की।
१९६८ : कोठारी शिक्षा आयोग की सिफारिशों के अनुसरण में प्रथम राष्ट्रीय शिक्षा नीति अपनाई गई।
१९७५ : छह वर्ष तक के बच्चों के उचित विकास के लिए समेकित बाल विकास सेवा योजना प्रारम्भ।
१९७६ : शिक्षा को 'राज्य' विषय से "समवर्ती" विषय में परिवर्तन करने हेतु संविधान संशोधन।
१९८४ : लखनऊ में चौथा IIM स्थापित।
१९८५ : संसद के अधिनियम द्वारा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना।
१९८६ : नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अपनाया|
१९८७-८८ : संसद के अधिनियम द्वारा सांविधिक निकाय के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) स्थापित।
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्रारम्भ।
१९९२ : आचार्य राममूर्ति समिति द्वारा समीक्षा के आधार पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 1986 में संशोधन
१९९३ : संसद के अधिनियम द्वारा सांविधिक निकाय के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद स्थापित।
१९९४ : उच्चतर शिक्षा की संस्थाओं का मूल्यांकन एवं प्रत्यायन करने के लिए विश्‍वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद की स्‍थापना। (बंगलौर में मुख्यालय)
गुवाहाटी में छठे IIT की स्‍थापना।
१९९५ : प्राथमिक स्कूलों में केन्द्रीय सहायता प्राप्त मध्याह्न भोजन योजना आरम्‍भ की गई।
१९९६ : पाँचवाँ IIM कोझीकोड में स्‍थापित
१९९८ : छठा IIM इंदौर में स्‍थापित
२००१ : जनगणना में साक्षरता दर 65.4 % (समग्र), 53.7 % (महिला)
पूरे देश में गुणवत्‍तापरक प्रारंभिक शिक्षा के सर्वसुलभीकरण हेतु सर्व शिक्षा अभियान प्रारंभ।
रूड़की विश्‍वविद्यालय सातवें IIT में परिवर्तित।
२००२ : मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने के लिए संविधान संशोधन।
२००३ : 17 क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कालेज, राष्‍ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्‍थानों में परिवर्तित।
२००४ : शिक्षा को समर्पित उपग्रह "एडूसैट" (EduSat) छोड़ा गया।
२००५ : संसद अधिनियम द्वारा राष्‍ट्रीय अल्‍पसंख्‍यक शैक्षणिक संस्‍था आयोग गठित।
एनसीईआरटी द्वारा तैयार राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 स्वीकृत।
२००६ : कोलकाता और पुणे में दो भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान स्‍थापित।
२००७ : सातवां IIM शिलांग में स्‍थापित किया गया।
मोहाली में एक भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान स्‍थापित किया गया।
राष्ट्रीय संस्‍कृत परिषद गठित।
केन्‍द्रीय शैक्षिक संस्‍था (प्रवेश में आरक्षण) अधिनियम अधिसूचित।
२००९ : भारतीय संसद द्वारा निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम पारित।